गुरुवार, 12 नवंबर 2020

शिव 108 रूपों और नाम का अर्थ

 




1. शिव - कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर - माया के अधीश्वर
3. शम्भू - आनंद स्स्वरूप वाले
4. पिनाकी - पिनाक धनुष धारण करने वाले 
5. शशिशेखर - सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले 
6. वामदेव - अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले 
7. विरूपाक्ष - भौंडी आँख वाले 
8. कपर्दी - जटाजूट धारण करने वाले 
9. नीललोहित - नीले और लाल रंग वाले 
10. शंकर - सबका कल्याण करने वाले 
11. शूलपाणी - हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले 
12. खटवांगी - खटिया का एक पाया रखने वाले 
13. विष्णुवल्लभ - भगवान विष्णु के अतिप्रेमी 
14. शिपिविष्ट - सितुहा में प्रवेश करने वाले 
15. अंबिकानाथ - भगवति के पति 
16. श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले 
17. भक्तवत्सल - भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले 
18. भव - संसार के रूप में प्रकट होने वाले 
19. शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले 
20. त्रिलोकेश - तीनों लोकों के स्वामी 
21. शितिकण्ठ - सफेद कण्ठ वाले 
22. शिवाप्रिय - पार्वती के प्रिय 
23. उग्र - अत्यंत उग्र रूप वाले 
24. कपाली - कपाल धारण करने वाले 
25. कामारी - कामदेव के शत्रु 
26. अंधकारसुरसूदन - अंधक दैत्य को मारने वाले 
27. गंगाधर - गंगा जी को धारण करने वाले 
28. ललाटाक्ष - ललाट में आँख वाले 
29. कालकाल - काल के भी काल 
30. कृपानिधि - करूणा की खान 
31. भीम - भयंकर रूप वाले 
32. परशुहस्त - हाथ में फरसा धारण करने वाले 
33. मृगपाणी - हाथ में हिरण धारण करने वाले 
34. जटाधर - जटा रखने वाले 
35. कैलाशवासी - कैलाश के निवासी 
36. कवची - कवच धारण करने वाले 
37. कठोर - अत्यन्त मज़बूत देह वाले 
38. त्रिपुरांतक - त्रिपुरासुर को मारने वाले 
39. वृषांक - बैल के चिह्न वाली झंडा वाले 
40. वृषभारूढ़ - बैल की सवारी वाले 
41. भस्मोद्धूलितविग्रह - सारे शरीर में भस्म लगाने वाले 
42. सामप्रिय - सामगान से प्रेम करने वाले 
43. स्वरमयी - सातों स्वरों में निवास करने वाले 
44. त्रयीमूर्ति - वेदरूपी विग्रह करने वाले 
45. अनीश्वर - जिसका और कोई मालिक नहीं है 
46. सर्वज्ञ - सब कुछ जानने वाले 
47. परमात्मा - सबका अपना आपा 
48. सोमसूर्याग्निलोचन - चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले 
49. हवि - आहूति रूपी द्रव्य वाले 
50. यज्ञमय - यज्ञस्वरूप वाले 
51. सोम - उमा के सहित रूप वाले 
52. पंचवक्त्र - पांच मुख वाले 
53. सदाशिव - नित्य कल्याण रूप वाले 
54. विश्वेश्वर - सारे विश्व के ईश्वर 
55. वीरभद्र - बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले 
56. गणनाथ - गणों के स्वामी 
57. प्रजापति - प्रजाओं का पालन करने वाले 
58. हिरण्यरेता - स्वर्ण तेज वाले 
 59. दुर्धुर्ष - किसी से नहीं दबने वाले 
60. गिरीश - पहाड़ों के मालिक 
61. गिरिश - कैलाश पर्वत पर सोने वाले 
62. अनघ - पापरहित 
63. भुजंगभूषण - साँप के आभूषण वाले 
64. भर्ग - पापों को भूंज देने वाले 
65. गिरिधन्वा - मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले 
66. गिरिप्रिय - पर्वत प्रेमी 
67. कृत्तिवासा - गजचर्म पहनने वाले 
68. पुराराति - पुरों का नाश करने वाले 
69. भगवान् - सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न 
70. प्रमथाधिप - प्रमथगणों के अधिपति 
71. मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाले 
72. सूक्ष्मतनु - सूक्ष्म शरीर वाले 
73. जगद्व्यापी - जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले 
74. जगद्गुरु - जगत् के गुरु 
75. व्योमकेश - आकाश रूपी बाल वाले 
76. महासेनजनक - कार्तिकेय के पिता 
77. चारुविक्रम - सुन्दर पराक्रम वाले 
78. रूद्र - भक्तों के दुख देखकर रोने वाले 
79. भूतपति - भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी 
80. स्थाणु - स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले 
81. अहिर्बुध्न्य - कुण्डलिनी को धारण करने वाले 
82. दिगम्बर - नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले 
83. अष्टमूर्ति - आठ रूप वाले 
84. अनेकात्मा - अनेक रूप धारण करने वाले 
85. सात्त्विक - सत्व गुण वाले 
86. शुद्धविग्रह - शुद्धमूर्ति वाले 
87. शाश्वत - नित्य रहने वाले 
88. खण्डपरशु - टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले 
89. अज - जन्म रहित 
90. पाशविमोचन - बंधन से छुड़ाने वाले 
91. मृड - सुखस्वरूप वाले 
92. पशुपति - पशुओं के मालिक 
93. देव - स्वयं प्रकाश रूप 
94. महादेव - देवों के भी देव 
95. अव्यय - खर्च होने पर भी न घटने वाले 
96. हरि - विष्णुस्वरूप 
97. पूषदन्तभित् - पूषा के दांत उखाड़ने वाले 
98. अव्यग्र - कभी भी व्यथित न होने वाले 
99. दक्षाध्वरहर - दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले 
100. हर - पापों व तापों को हरने वाले 
101. भगनेत्रभिद् - भग देवता की आंख फोड़ने वाले 
102. अव्यक्त - इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले 
103. सहस्राक्ष - अनंत आँख वाले 
104. सहस्रपाद - अनंत पैर वाले 
105. अपवर्गप्रद - कैवल्य मोक्ष देने वाले 
106. अनंत - देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहित 
107. तारक - सबको तारने वाला 
108. परमेश्वर - सबसे परे ईश्वर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें