गीता को वेदों और उपनिषदों का सार माना जाता, जो लोग वेदों को पूरा नही
पढ़ सकते, सिर्फ गीता के पढ़ने से भी आप को ज्ञान प्राप्ति हो सकती है।
गीता न सिर्फ जीवन का सही अर्थ समझाती है बल्कि परमात्मा के अनंत रुप से
हमे रुबरु कराती है। इस संसारिक दुनिया मे दुख, क्रोध, अंहकार ईर्ष्या आदि
से पिड़ित आत्माओं को, गीता सत्य और आध्यात्म का मार्ग दिखाकर मोक्ष की
प्राप्ति करवाती है।
गीता मे लिखे उपदेश किसी एक मनुष्य विशेष या किसी खास धर्म के लिए नही है, इसके उपदेश तो पूरे जग के लिए है। जिसमे आध्यात्म और ईश्वर के बीच जो गहरा संबंध है उसके बारे मे विस्तार से लिखा गया है। गीता मे धीरज, संतोष, शांति, मोक्ष और सिद्धि को प्राप्त करने के बारे मे उपदेश दिया गया है।
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